मौजूदा सरकार लगता है किसी एक खास जाति के हाथ धोकर पीछे पड़ गई है जहां यादव की हत्याएं हो रही है वही इस जाति के खिलाड़ियों को भी जातीय नाइं...
मौजूदा सरकार लगता है किसी एक खास जाति के हाथ धोकर पीछे पड़ गई है जहां यादव की हत्याएं हो रही है वही इस जाति के खिलाड़ियों को भी जातीय नाइंसाफी का सामना करना पड़ रहा है ।
पहले राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण विजेता नरसिंह यादव गंदी मानसिकता के शिकार होकर डोपिंग में फंसाए गए फिर नया मामला इस पहलवान खिलाड़ी का है ।।
फिर उम्मीदों को तोड़ा गया फिर अरमानो पर द्वेष की तलवार चली पहले नरसिंह यादव अब विक्रम यादव के साथ छल ।
ये हैं लाडला भाई पहलवान उत्तर प्रदेश जिला केशरी विक्रम सिंह यादव फिरोज़ावादी जो कुस्ती में न जाने कितने पहलवानो को पटखनी दे चुके हैं।
लेकिन कल इन्हें द्वेष से लिप्त ख़राब system का शिकार होना पड़ा।
इन्हें स्पोर्ट्स wrestling के लिए kolkata से thailand जाना था । सभी documents होने के बावजूद इन्हें ये कह कर रोका गया कि आप देश छोड़ कर भाग सकते है आपके ऊपर केश चलने के बारे में बरगलाया गया जब्कि ऐसा बिल्कुल नहीं है । लिखित में मांगने पर झल्लाते हुए एयरपोर्ट ऑफिसर ने मना कर दिया ।
पासपोर्ट बिलकुल क्लियर है police रिकॉर्ड बिलकुल क्लियर है साजिशन ऐसा होना और द्वेष एवं जलन में ऐसा कुछ लोगो के द्वारा करवाया गया है । जा भी अपने दम पे रहा था एक एक रुपये जोड़कर टिकेट और सामान जुटाया था सब व्यर्थ कर दिया ।
आजकल प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ ऐसा करना कहाँ तक न्यायसंगत प्रतित होता है।
कुछ दिन पहले भी नरसिंह यादव के साथ कुछ गलत मानसिकता के लोगो ने उन्हें डोपिंग में फंसाया था।
अगर कोई खिलाड़ी मेडल लेकर अपने देश का नाम रौशन करता है तो कितनी ख़ुशी की लहर दौड़ती है मानो अपने देश नाम रोशन कर सर गर्व से ऊँचा हो जाता है लेकिन इस गलत मानसिकता के साथ किसी का हौसला तोडना कहाँ का न्याय है ।
हर सम्भव मदद के साथ मेरा आह्वान है की आवाज उठाए और 5 अगस्त से पहले इन्हें न्याय दिलाने एवं लक्ष्य प्राप्ति के लिए सम्भव मदद करे ।
we are proud off you vikram bhai,,,,,आपने तो रिंग के अंदर बहुत पशीना बहाया है मुझे पता है आप सही हो एक जंग आप system के साथ जीतो उसके बाद देश के लिए रिंग में।
"गिरते है शेर-ए-सवार ही मैदान-ए-जंग में
वो तिफ़ल क्या गिरे जो घुटनो के बल चले ।"
✍️✍️✍️✍️✍️महेश मुकदम
पहले राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण विजेता नरसिंह यादव गंदी मानसिकता के शिकार होकर डोपिंग में फंसाए गए फिर नया मामला इस पहलवान खिलाड़ी का है ।।
फिर उम्मीदों को तोड़ा गया फिर अरमानो पर द्वेष की तलवार चली पहले नरसिंह यादव अब विक्रम यादव के साथ छल ।
ये हैं लाडला भाई पहलवान उत्तर प्रदेश जिला केशरी विक्रम सिंह यादव फिरोज़ावादी जो कुस्ती में न जाने कितने पहलवानो को पटखनी दे चुके हैं।
लेकिन कल इन्हें द्वेष से लिप्त ख़राब system का शिकार होना पड़ा।
इन्हें स्पोर्ट्स wrestling के लिए kolkata से thailand जाना था । सभी documents होने के बावजूद इन्हें ये कह कर रोका गया कि आप देश छोड़ कर भाग सकते है आपके ऊपर केश चलने के बारे में बरगलाया गया जब्कि ऐसा बिल्कुल नहीं है । लिखित में मांगने पर झल्लाते हुए एयरपोर्ट ऑफिसर ने मना कर दिया ।
पासपोर्ट बिलकुल क्लियर है police रिकॉर्ड बिलकुल क्लियर है साजिशन ऐसा होना और द्वेष एवं जलन में ऐसा कुछ लोगो के द्वारा करवाया गया है । जा भी अपने दम पे रहा था एक एक रुपये जोड़कर टिकेट और सामान जुटाया था सब व्यर्थ कर दिया ।
आजकल प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ ऐसा करना कहाँ तक न्यायसंगत प्रतित होता है।
कुछ दिन पहले भी नरसिंह यादव के साथ कुछ गलत मानसिकता के लोगो ने उन्हें डोपिंग में फंसाया था।
अगर कोई खिलाड़ी मेडल लेकर अपने देश का नाम रौशन करता है तो कितनी ख़ुशी की लहर दौड़ती है मानो अपने देश नाम रोशन कर सर गर्व से ऊँचा हो जाता है लेकिन इस गलत मानसिकता के साथ किसी का हौसला तोडना कहाँ का न्याय है ।
हर सम्भव मदद के साथ मेरा आह्वान है की आवाज उठाए और 5 अगस्त से पहले इन्हें न्याय दिलाने एवं लक्ष्य प्राप्ति के लिए सम्भव मदद करे ।
we are proud off you vikram bhai,,,,,आपने तो रिंग के अंदर बहुत पशीना बहाया है मुझे पता है आप सही हो एक जंग आप system के साथ जीतो उसके बाद देश के लिए रिंग में।
"गिरते है शेर-ए-सवार ही मैदान-ए-जंग में
वो तिफ़ल क्या गिरे जो घुटनो के बल चले ।"
✍️✍️✍️✍️✍️महेश मुकदम
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